Bihar News : बिहार की राजधानी पटना में एक बार फिर जीविका की ओर से सरस मेला लगा हुआ है। मेला सुबह 10 बजे से शाम 8 बजे तक लग रहा है। प्रवेश निःशुल्क है l
Saras Mela Patna : मेले की खूबियां दूसरों को बताई, पहुंच रहे लोग
सदियों पुरानी हस्तशिल्प, लोक कला, संस्कृति, परंपरा एवं देसी स्वाद के प्रति आम से लेकर खास लोग और बच्चों से लेकर बुजुर्गों के बीच बिहार सरस मेला में देखते ही बन रहा है l बड़ी संख्या में लोग सरस मेला में आ रहे हैं और अपने देश के विभिन्न प्रदेशों के शिल्प, कला, संस्कृति से परिचित हो रहे हैं। बुजुर्ग अपने ज़माने के शिल्प और स्वाद को पुन : पुनर्जीवित होते देख भाव-विभोर हो रहे हैंl ज्ञान भवन में सरस मेला के आयोजन के पांचवें दिन तक 1 करोड़ 68 लाख 53 हजार रुपए के उत्पादों एवं व्यंजनों का व्यवसाय हुआ है l पांच दिन में अनुमानत: 1 लाख 88 हजार लोग आएl बिहार सरस मेला का समय सुबह 10 बजे से शाम 8 बजे तक निर्धारित है और प्रवेश निःशुल्क हैl
ग्रामीण शिल्प और उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से बिहार सरस मेला बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (Jeevika) की ओर से 18 सितंबर से 27 सितंबर तक आयोजित हैl सरस मेला का आयोजन देश के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिला शिल्पकारों द्वारा निर्मित उत्पाद हस्त शिल्प एवं लोक कलाकृतियों के प्रदर्शन और बिक्री के लिए किया जाता हैl सरस मेला में ग्रामीण परिवेश की महिला उद्यमियों द्वारा सिली गई खादी, सिल्क, मटका, कॉटन, कोशा आदि से बनी साड़ियां, सलवार, सूट , नाइटी, फुलकारी, चिकेन कारी जैसे परिधानों की खरीददारी बड़े पैमाने पर हो रही है l घर सजाने के लिए हस्तशिल्प, कालीन, रग्स, आराम कुर्सी, लैम्प, झूमर, तोरण , कृत्रिम फूल और गमले की भी बिक्री जारी हैl
बच्चों के खिलौने लट्टू, घिरनी, डमरू, किट-किट, योयो, डुगडुगी, चकरी और नेम प्लेट बिक रहे हैंl गर्म कपड़े, सूट, स्वेटर, शॉल और इस्टॉल भी आकर्षण के खास केंद्र हैं l जीविका दीदी की रसोई समेत अन्य व्यंजनों के स्टॉल पर आगंतुक देसी व्यंजनों का स्वाद लेते हुए घर के लिए भी विभिन्न प्रकार के अचार, पापड़, दनवरी, अदवरी, सत्तू, मखाना, कतरनी चावल, चूड़ा और गुड़ जैसे देसी व्यंजन ले जा रहे हैं l प्राकृतिक सूखे फूल, बोनसाई, सेकुलुन ऑक्सीजन, जैविक रस हल्दी और पर्यावरण को शुद्ध रखने वाले पौधे भी आगंतुकों को खूब लुभा रहे हैंl
स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने वाले लोगों के लिए भी मेला खास है l किशोरियों एवं महिलाओं के लिए इको फ्रेंडली सेनेटरी पैड भी बिक्री हो रही है l यह जीविका दीदियों का ही बनाया हुआ है। बच्चों के लिए पौष्टिक एवं स्वास्थ्यवर्धक पोषाहार की भी बिक्री हो रही हैl पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने वाले अलग-अलग फ्लेवर के पाचक की भी मांग खूब है l शुद्ध घी की खूब बिक्री हो रही हैl बिहार सरस मेला में हरियाणा से राजकुमारी देवी पहली बार आई हैंl बिहार आकर खुश हैं और हर बार बिहार आना चाहती हैं l सरस मेला के आयोजन की व्यवस्था की सराहना करते हुए उन्होंने बताया कि उनके द्वारा निर्मित उत्पादों की वाजिब कीमत भी मिल रही है l उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनके उत्पादों की ऐसी बिक्री होगी और मान-सम्मान मिलेगा l रविवार को खरीद-बिक्री का आंकड़ा डेढ़ करोड़ पार कर गया l रविवार को 74 लाख 46 हजार से अधिक की राशी के उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद-बिक्री हुई है l खरीद-बिक्री का आंकड़ा स्टॉल धारकों द्वारा लिए गए रिपोर्ट के आधार पर आधारित होता है l रविवार को 58 हजार से अधिक लोग आए और खरीदारी की l आगंतुकों का यह आंकड़ा ज्ञान भवन में अब तक आयोजित सरस मेला में सर्वाधिक है l रविवार को आकर गए कई लोग सोमवार को तो आए ही, उनके कहने पर भारी संख्या में नए लोग भी सोमवार को आए।