Officer Suspended : सरकारी अफसर ने निजी कार से तीन की जान ले ली, अगले दिन निलंबित हो गए

रिपब्लिकन न्यूज़, देहरादून

by Republican Desk
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Officer Suspended : सरकारी सेवक हैं तो हर जगह विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। एक दिन पहले एक सरकारी अफसर की कार ने तीन लोगों की जान ली और अगले दिन अधिकारी को निलंबित कर दिया गया।

Accident News
सड़क हादसे की प्रतीकात्मक तस्वीर। वैसे, खबर में बताया गया हादसा उत्तराखंड में साेमवार को हुआ था।

Accident News के अगले ही दिन निलंबन का आदेश आ गया

सरकारी नौकरी में कहीं भी लापरवाही बरतना मुसीबत है। यहां तक कि सड़क पर गाड़ी चलाते हुए भी। कोई दूसरा आदमी गाड़ी से किसी की जान ले ले तो उसकी गिरफ्तारी होगी। लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला बनेगा। गैर इरादतन हत्या का भी मामला बन सकता है। लेकिन, अगर सरकारी सेवक लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए किसी की जान ले ले (Road Accident) तो अगले ही दिन उसे नियमों के तहत निलंबित भी किया जा सकता है। जी हां, नियमों पर तत्पर कार्रवाई की यह नज़ीर उत्तराखंड में सामने आयी है।

यहां एक सरकारी अधिकारी की निजी कार से एक दुर्घटना (Accident News) में तीन लोगों की मौत हो गई। कार चलाने वाले प्रथम दृष्टया वही अधिकारी थे, इसलिए उन्हें इस लापवाही के लिए दुर्घटना के अगले ही दिन निलंबित करने का आदेश जारी हो गया। इस मामले में उत्तराखंड शासन (Uttarakhand Government) की तत्परता और ईमानदारी की चर्चा हो रही है।

Uttarakhand Government ने आदेश में क्या बताया

टिहरी गढ़वाल के मुख्य विकास अधिकारी ने अपने पत्र (संख्या 1/2351/2024) के जरिए मंगलवार 25 जून को लिखा कि तथ्यों के अनुसार टिहरी जनपद में विकास खण्ड जाखणीधार के सहायक खण्ड विकास अधिकारी देवी प्रसाद चमोली ने सोमवार 24 जून को शाम साढ़े सात बजे बौराड़ी नई टिहरी में अपने निजी वाहन से एक दुर्घटना की, जिसमें तीन लोगों की मौके पर ही मृत्यु हो गई। इस तथ्य के आधार पर देवी प्रसाद चमोली को उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 2003 के बिंदु संख्या- 4 (2) में उल्लिखित प्रावधान (नैतिक अधमता एवं आपराधिक आरोप) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। मतलब, साफ है कि सरकारी सेवकों की नैतिकता और आपराधिक कृत्य के मामले में इस तरह से कार्रवाई हो सकती है।

Suspension Order में क्या-क्या लिखा है, पूरी बात पढ़ें

जिस तरह से कहीं भी निलंबन की कार्यवाही होती है, लगभग उसी तरह इस मामले में भी किया गया है। किसी तरह की छूट नहीं दी गई है। आदेश में स्पष्ट लिखा गया है कि निलंबन अवधि में देवी प्रसाद चमोली को प्रावधानों के तहत जीवन निर्वाह भत्ते के रूप में आधा वेतन मिलेगा। उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि के साथ कोई महंगाई भत्ता नहीं मिलेगा। निलंबन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ महंगाई भत्ता अथवा महंगाई भत्ते का उपांतिक समायोजन प्राप्त नहीं था, वह नहीं मिलेगा। निलंबन की तारीख को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलंबित अवधि में इस शर्त पर देय होंगे, जब इसका समाधान हो जाए कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिये उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य हैं।

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