Bihar News में चिराग पासवान की खूब चर्चा है। क्योंकि चाचा से सियासी अदावत अब खत्म होती नजर आ रही है।
बिहार में जब नीतीश कुमार फिर से एनडीए गठबंधन में शामिल हुए तो सबसे ज्यादा बहस चिराग पासवान को लेकर छिड़ी हुई थी। बहस इस बात पर कि चिराग पासवान और नीतीश कुमार एक-दूसरे के साथ कैसे काम करेंगे। आखिर बीजेपी इन दोनों के बीच जारी सियासी अदावत को कैसे खत्म करवाएगी। अब जो खबरें सामने आ रहीं उसके मुताबिक, चिराग और नीतीश के बीच सियासी दुश्मनी की दीवार अब गिर चुकी है। इस दीवार का गिरना जितना चिराग के लिए जरूरी था, उतना ही जेडीयू के लिए भी। कहा तो ये भी जा रहा है कि इस अदावत को दोस्ती में बदलने के लिए मंत्री अशोक चौधरी ने अहम भूमिका अदा की है।
शांभवी को टिकट मिलने से अशोक चौधरी हुए खुश, विधानसभा चुनाव है टारगेट
चिराग पासवान ने बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी की बेटी और पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल की बहू शांभवी चौधरी को समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है शांभवी चौधरी को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद वैसे तो चिराग पासवान के खिलाफ सोशल मीडिया पर कई तरह के पोस्ट किए गए। कहा गया कि जिन लोगों ने लोजपा को तोड़ा था, चिराग पासवान आज उन्हीं के साथ मिल गए। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को टिकट देकर चिराग पासवान ने एक साथ कई निशाने साधे हैं। चिराग को यह बखूबी मालूम है कि अगर बिहार की राजनीति में रहना है तो नीतीश कुमार से लंबी लड़ाई ठीक नहीं है। ऐसे में जब शांभवी चौधरी को चिराग ने टिकट दे दिया तो अशोक चौधरी ने नीतीश कुमार से चिराग पासवान की सुलह भी करा दी। इसका सीधा फायदा चिराग पासवान और जदयू दोनों को मिलेगा। क्योंकि लोकसभा के बाद बिहार विधानसभा का चुनाव है और विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान लोजपा रामविलास को ज्यादा सीट दिलाने के लिए जदयू के सहारे भाजपा पर दवाब बना सकते हैं।
हाजीपुर की राह अब आसान, न जेडीयू का डर, न चाचा पारस की चुनौती
चिराग पासवान ने जब हाजीपुर से चुनाव लड़ने का ऐलान किया तो ऐसी खबरें भी सामने आई कि जदयू अपना पुराना हिसाब चिराग से चुकता कर सकती है। 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने अपने दम पर जदयू को बड़ा नुकसान पहुंचाया था। लिहाजा इस बात की चर्चा थी कि हाजीपुर में चिराग पासवान को जदयू के भीतरघात का डर सता रहा है। लेकिन अब जबकि नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच सुलह की खबरें सामने आ रही हैं तो चिराग पासवान के सामने खड़ा भीतरघात का एक बड़ा संकट खत्म हो गया है। चिराग पासवान के लिए हाजीपुर में दूसरा बड़ा संकट थे चिराग के चाचा पशुपति पारस। कहा जा रहा है कि पशुपति पारस को मनाने में भी नीतीश कुमार ने अहम भूमिका अदा की है। यही वजह है कि पशुपति पारस ने एनडीए में ही रहने का फैसला किया है। अब हाजीपुर से चिराग पासवान के लिए कई तरह की चुनौतियां चुनाव के पहले ही खत्म हो चुकी हैं।
शांभवी चौधरी ने नीतीश कुमार से लिया आशीर्वाद, अशोक चौधरी भी रहे मौजूद
समस्तीपुर से NDA की उम्मीदवार शांभवी चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर आशीर्वाद लिया। इस दौरान शांभवी के पिता अशोक चौधरी भी मौजूद थे। इस दौरान साथ में समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विधानसभा वारिसनगर से विधायक अशोक कुमार, कुशेश्वर स्थान विधानसभा क्षेत्र से विधायक अमन भूषण हजारी जी एवं जेडीयू महासचिव रंजीत कुमार झा भी मौजूद थे। इससे पहले चिराग पासवान और नीतीश कुमार के मुलाकात की तस्वीर भी सामने आई थी।