Bihar News में चर्चा है Bihar Board के उस फैसले की जिसके खिलाफ स्टूडेंट्स सड़क पर उतर आए हैं। अब डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कर दिया है बड़ा ऐलान।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का आदेश रद्द किया जाएगा। बिहार बोर्ड के उस विज्ञापन को भी रद्द किया जाएगा जिस कारण छात्र आंदोलन पर उतर गए हैं। पिछले कई दिनों से पटना की सड़कों पर छात्र बवाल मचा रहे हैं। सरकार के खिलाफ नारेबाजी हो रही है। गुरुवार को भी पटना में छात्रों ने बीजेपी दफ्तर के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। अब डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने इंटर के छात्रों को भरोसा दिलाया है कि इस आदेश को ही रद्द कर दिया जाएगा।
विभागीय आदेश पर बवाल, बैकफुट पर सरकार
बड़े बवाल के बाद यह फैसला लिया गया है कि जिन छात्र-छात्राओं ने इंटरमीडिएट के लिए 11वीं में दाखिला ले लिया है या पढ़ रहे हैं, उन्हें कॉलेज से हटाने का बिहार के शिक्षा विभाग का आदेश रद्द किया जाएगा। शिक्षा विभाग की ओर से 21 फरवरी को संकल्प जारी हुआ था। इसके तहत इंटर में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का दाखिला अप्रैल की पहली तारीख से खत्म हो जाना है। ऐसे छात्र-छात्राओं को कॉलेज की जगह हाईस्कूलों में दाखिला लेने का आदेश जारी किया गया था। अब जब इसके खिलाफ हंगामा बढ़ा तो आखिरकार सम्राट चौधरी ने इसे रद्द करने का भरोसा दिलाया है।
आदेश से क्यों गुस्साए छात्र, पूरा मामला समझिए
नए नियम के मुताबिक, साल 2023-2025 के इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं को ओएफएसएस वेब पोर्टल (Online Facilitation System for Students) पर 21 मार्च से 31 मार्च के बीच प्लस टू स्कूल का विकल्प भरना होगा। विकल्प भरने के बाद उसी के अनुसार सभी छात्र-छात्राओं को स्थानांतरित किया जाएगा। छात्र-छात्राओं की मानें तो उनके पास दूसरे स्कूलों में शिफ्ट होने के मैसेज आ रहे है, जिससे 11वीं के छात्र-छात्राएं नाराज हैं और सड़कों पर सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि सरकार क्या करना चाह रही है, ये हमें नहीं पता। लेकिन बीच सेशन में हम पढ़ाई छोड़कर कैसे जा सकते हैं। ऐसे में तो हमें न स्कूलों में एडमिशन मिलेगा और न ही हम अपनी पढ़ाई ढंग से कर पाएंगे।