Bihar News में खबर केके पाठक के उस फरमान की जिसपर हर किसी की निगाहें टिकी थी। यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधियों को बैठक में बुलाया गया। लेकिन मीटिंग में कोई नहीं पहुंचे।
बिहार में शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच टकराव लगातार जारी है। इस बीच शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को तगड़ा झटका लगा है। केके पाठक द्वारा बुलाई गई बैठक में किसी भी विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव या परीक्षा नियंत्रक नहीं पहुंचे। आखिरकार बैठक को स्थगित करना पड़ा। हालांकि विभाग ने बैठक की नई तारीख तय कर दी है।
केके पाठक ने बुलाई थी बैठक, विश्वविद्यालयों ने नहीं दी तरजीह
शिक्षा विभाग ने 9 मार्च की बैठक के लिए पत्र जारी कर किया था। उच्च शिक्षा उप निदेशक दीपक कुमार सिंह ने लेटर जारी कर पुराने आदेश को याद दिलाते हुए सभी विश्वविद्यालय के कुलपति को कहा था कि बैंक अकाउंट को फ्रीज करने का आदेश फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। सभी विश्वविद्यालयों के खातों के संचालन पर अगले आदेश तक रोक लगाई गई थी। 28 फरवरी को यह आदेश दिया गया था। केके पाठक के आदेश पर अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं की स्थिति की समीक्षा के लिए आज यानी शनिवार को बैठक बुलाई गई थी। लेकिन इस बैठक में यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि नहीं पहुंचे।
राजभवन ने बैठक में शामिल होने पर लगाई थी रोक
केके पाठक के आदेश पर विभाग ने 9 मार्च को बैठक की तारीख तय की थी। इसके बाद राजभवन ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए आदेश दिया कि किसी भी विश्वविद्यालय के कुलपति बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। कुलपति के मामले में सक्षम प्राधिकार कुलाधिपति (राज्यपाल) हैं। आदेश का पालन नहीं करने वालों पर राजभवन की ओर से कार्रवाई की जाएगी। राजभवन के इस आदेश के बाद केके पाठक और राज्यपाल के बीच घमसान सुर्खियों में आ गया।
अब 15 मार्च को हो सकती है बैठक, जल्द जारी होगा आदेश
विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि शनिवार को बैठक में कुलपतियों के शामिल नहीं होने से केके पाठक बेहद नाराज हैं। संभव है कि इसे आदेश का उल्लंघन मानते हुए फिर से कार्रवाई शुरू कर दी जाए। इससे पहले भी बैठक में शामिल नहीं होने पर कई विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। सूत्रों ने दावा किया है कि शिक्षा विभाग ने बैठक की नई तारीख तय कर दी है। 15 मार्च को यह बैठक बुलाई जा सकती है। संभव है कि आज ही इसको लेकर आदेश जारी कर दिया जाए।