Bihar News में इस समय चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आ रही है कि बिहार कांग्रेस के 19 में से 16 विधायक दिल्ली से पटना की जगह हैदराबाद के लिए उड़ गए हैं।
पार्टी कह रही घूमने गए हैं, लेकिन सच्चाई जानिए- 11 की शाम या 12 की सुबह लौटेंगे
बिहार में 28 जनवरी को जो खेला हुआ, उससे भी बड़ा खेल कहीं 12 फरवरी को न हो जाए! खेल की बिसात अब तेजी से बिछ रही है। बिहार कांग्रेस (Congress Party) के 19 में से 16 विधायक दिल्ली से पटना आने की जगह तेलंगाना (Telangana) की राजधानी हैदराबाद पहुंच गए हैं। झारखंड में बहुमत हासिल करने के लिए वहां के कांग्रेसी विधायकों को रिजॉर्ट का आनंद मिल रहा है, वहीं बिहार के विधायकों को लेकर दूसरी आशंका है।
बिहार कांग्रेस के विधायक इस नाम पर गए हैं कि तेलंगाना में कांग्रेस की नई-नवेली सरकार को बधाई देंगे, लेकिन अबतक की जानकारी यह बता रही है कि सभी 11 फरवरी की शाम या 12 फरवरी की सुबह आएंगे। मतलब, जिस दिन बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को बहुमत साबित (Floor Test Bihar) करना है, उसके ठीक पहले यह सब पटना में प्रस्तुत होंगे। मतलब, बिहार में भी खेला होने का डर है। कांग्रेस को डर है कि कहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP Party) यहां उसके विधायकों को तोड़ बहुमत साबित करने की जगह अपना संख्याबल बहुत ज्यादा न बढ़ा ले।
पार्टियां दूसरे की टूट का दावा कर रही, भरोसा खुद पर नहीं
बिहार में राजनीति वाली सभी पार्टियां सामने वाले दल में टूट का दावा कर रही। कुछ समय पहले जब भाजपा सरकार में नहीं थी तो वह सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में टूट का दावा कर रही थी। इसी समय लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के दिग्गज सांसद चिराग पासवान जदयू और राजद में टूट का दावा कर रहे थे। 28 जनवरी को जब सीएम नीतीश कुमार महागठबंधन का दामन छोड़कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के तहत भाजपा के साथ आए, तब यह कहा गया कि जदयू ने टूट बचाने के लिए यह अंतिम रास्ता अपनाया।
इसके बाद भी कांग्रेस के नेता नहीं रुक रहे। वह बार-बार दावा कर रहे कि जदयू में टूट होने वाली है। जदयू विधायक राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के संपर्क में हैं। लेकिन, रविवार को जो हुआ- उससे दूसरी ही बात सामने आ रही है। कांग्रेस ने जैसे झारखंड में अपने विधायकों पर भरोसा नहीं करते हुए उन्हें बहुमत साबित करने तक के लिए हैदराबाद भेज दिया, उसी तरह बिहार के 19 में से 16 एलएलए को नीतीश कुमार सरकार के बहुमत साबित होने तक के लिए तेलंगाना रवाना कर दिया।
Bihar News में जानें, फ्लोर टेस्ट का पूरा गणित
बिहार में कांग्रेस 28 जनवरी को सुबह 11 बजे के बाद से राजद और वामदलों की तरह विपक्ष में है। राजद के 79 विधायक हैं। वामदलों के 16 विधायक हैं। वामदल और राजद में टूट की आशंका नहीं के बराबर है। जबकि, कांग्रेस के विधायकों पर ऐसा खतरा है। सत्तारूढ़ राजग के पास भाजपा के 78, जदयू के 45 और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा-सेक्युलर के चार विधायकों को मिलाकर 128 विधायक हैं। 28 जनवरी को महागठबंधन के सीएम का पद त्यागकर राजग के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार की सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 122 विधायक ही चाहिए। लेकिन, चूंकि मुकाबला नजदीकी है और हम-से के प्रमुख जीतन राम मांझी बीच-बीच में खेला का डर दिखाते रहते हैं, इसलिए राजग की नजर कांग्रेस खेमे में बड़ी टूट पर है।