Nitish Kumar खुद ट्रैफिक नियम को तोड़ते हुए निकल गए। 24 घंटे बाद भी पुलिस चालान काटकर जानकारी देने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। यह वही पुलिस है, जो आमजन का गली में भी चालान काट रही।
बिहार की नीतीश कुमार सरकार की पुलिस और परिवहन विभाग आमजन की सुरक्षा के लिए बेहद चिंतित है। उसे लगता है कि गली में भी हेलमेट लगाए बगैर बाइक वाले निकले तो जान जा सकती है। गली के मुहाने पर भी बगैर सीट बेल्ट लगाए कार सवार निकल जाएं तो जान जा सकती है। आमजन की गली तक सीसीटीवी से निगरानी हो रही है और हजारों चालान रोज लोगों को ऑनलाइन मिल रहे हैं। लेकिन, यही परिवहन विभाग और बिहार पुलिस अपने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए चिंतित नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बगैर बेल्ट के राजधानी पटना के सबसे हाईस्पीड रोड से गुजर गए, लेकिन उन्हें किसी ने बेल्ट लगाने के लिए नहीं टोका और न चालान काटा। और तो और, ट्रैफिक पुलिस इस सवाल का जवाब देने के लिए भी तैयार नहीं है कि आगे क्या होगा?
सितंबर 2022 में मर्सडीज़ हादसे में बिजनेस टायकून साइरस मिस्त्री की मौत के बाद केंद्र सरकार ने ट्रैफिक रूल्स की समीक्षा के बाद कार में पीछे बैठने वालों के लिए भी सीट बेल्ट की अनिवार्यता पर जोर दिया था। दिल्ली में यह लागू भी हुआ, लेकिन ज्यादा दिन नहीं चला। जांच होती है तो जुर्माना लगता है। बिहार में अभी यह नियम प्रभावी नहीं है। लेकिन, चालक और बगल की सीट पर बैठने वालों के सीट बेल्ट नहीं लगाने पर जुर्माना लगाया जाता रहा है। अभी सीसीटीवी की निगरानी से ऑनलाइन चालान काटने के लिए नीतीश सरकार ने पूरा सेटअप जमा दिया है। कुछ महीने पहले जब बागेश्वर धाम वाले बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री आए थे, तब यह सेटअप नहीं था। ट्रैफिक पुलिस ने मीडिया में वायरल वीडियो के आधार पर चालान काट दिया था, क्योंकि धीरेंद्र शास्त्री ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी। लेकिन, इस बार बात दूसरी है।
पुलिस मुख्यालय को वायरल वीडियो का भी पता नहीं
सूबे के मुखिया ही नियम तोड़ रहे हैं तो नियम लागू कराने वालों को सांप सूंघ जाना गैरवाजिब भी नहीं। अगर चालान काटा जाएगा तो निश्चित तौर पर पुलिस सामने आकर बताएगी, क्योंकि यह सरकार की छवि का भी सवाल है। लेकिन, अबतक ट्रैफिक पुलिस चुप्पी साधे हुए है। पुलिस मुख्यालय के संवाददाता सम्मेलन में जब शनिवार के इस वीडियो के वायरल होने की जानकारी देकर सवाल पूछा गया तो एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने इसकी जानकारी तक से इनकार किया। यह हालत भी तब है, जब सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है और यह वीडियो भी सरकार की ओर से ही जारी बताया जा रहा है।