Bihar News : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जमीनी हकीकत से रू-ब-रू होने निकले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह भी पता चल रहा है कि किन इलाकों में विपक्षी दल का ज्यादा प्रभाव है। गया में उनके सामने लालू के पक्ष में नारेबाजी हुई। अब भोजपुर में काले झंडे दिखाए गए।
Nitish Kumar : आरा में मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने वाले आइसा कार्यकर्ता पिटाए
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले अपनी राजनीतिक जमीन को देखने-समझने और रही-सही कसर पूरी करने के लिए प्रगति यात्रा पर हैं। यात्रा के अंतिम चरण में वह मगध के बाद अब भोजपुर क्षेत्र में हैं। 21 फरवरी को यात्रा खत्म होगी। इससे पहले मुख्यमंत्री को काम के अलावा राजनीति की दो सीख मिल गई है।
मगध मुख्यालय गया में उनके सामने एक समूह ने लालू प्रसाद यादव के समर्थन में नारे लगाए तो अब भोजपुर में उनकी यात्रा को काले झंडे दिखाए गए। झंडा दिखाने वाले आइसा कार्यकर्ताओं को सुरक्षाकर्मियों ने पहले रोका और फिर काबू नहीं होने पर डंडों से ठोका। तीन घायल हुए, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है।
Bihar News : गया में सीएम के सामने लगे थे लालू के समर्थन में नारे, अब यह विरोध
भोजपुर जिले के जगदीशपुर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान एक विरोध प्रदर्शन हुआ। RYA और AISA आदि छात्र संगठनों के युवा नेताओं ने मुख्यमंत्री के काफिले को काला झंडा दिखाकर अपनी 13 सूत्री मांगों को लेकर विरोध जताया। छात्र नेताओं का आरोप था कि उनकी मांगों को मुख्यमंत्री ने नज़रअंदाज़ किया है और वह उनसे मिलना चाहते थे। जब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें मिलने से रोका तो विरोध स्वरूप काला झंडा दिखाया गया।
इस विरोध के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने छात्र नेताओं को पहले बात से समझाने की कोशिश की, लेकिन काले कपड़े लेकर आए छात्र नेता अपनी बात मनवाने पर अड़े थे। सीएम का काफिला करीब आता, इससे पहले उन्हें हटाने के लिए पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज किया, जिसके परिणामस्वरूप तीन छात्र नेताओं को गंभीर चोटें आईं। घायल छात्रों को तुरंत सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से एक को गंभीर चोटें हैं। इस घटना ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है।
इससे पहले, गया में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने लालू प्रसाद यादव के पक्ष में नारेबाजी भी हो रही थी। विपक्ष ने इस घटनाक्रम को सरकार की असंवेदनशीलता और लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन बताया। इस विरोध ने बिहार की राजनीति में और भी तेज़ी ला दी है।