Kumbh Mela 2025 : पहले दो बार आग और अब भगदड़ की खबर। आखिर एक शहर कितनी भीड़ को सहन कर सकता है? यहां तो करोड़ों में लोग पहुंच रहे हैं एक दिन में। आगे जाना है तो यह जानना जरूरी है कि कुंभ मेला में कौन मारे गए? प्रयागराज कुंभ का मेला रुका है या मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान शुरू हो गया? कुंभनगर से हमारे यूपी ब्यूरो प्रमुख नचिकेता शर्मा की रिपोर्ट।
Kumbh Mela Stampede 2025 : भगदड़ का पूरा सच पढ़िए अब
महाकुंभ के मुख्य स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर स्नान करने वाले लोगों की भीड़ इतनी अधिक हो गई कि भगदड़ मच गई। मंगलवार की रात लगभग एक बजे हुई भगदड़ में अबतक 17 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग घायल हैं। सभी का उपचार अस्पतालों में चल रहा है। राहत और बचाव कार्य में पूरा प्रशासन लगा है, यह दर्दनाक हादसा संगम नोज पर हुआ। हादसे के बाद बुधवार सुबह सभी 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान को स्थगित कर दिया, हालांकि फिर स्थिति नियंत्रित देख दोपहर से यह शुरू हो गया।
कुंभ मेला : बुधवार सुबह 9 बजे तक 3 करोड़ ने किया पावन स्नान
मौनी अमावस्या के अवसर पर त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान के लिए महाकुंभ क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आम श्रद्धालुओं से अपील की है कि जो जहां हैं, वहीं पर स्नान कर वापस अपने घर लौट जाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ-कुछ घंटे पर सीएम आदित्यनाथ से बात कर रहे हैं। कुंभ नहीं रुका है और न स्नान। बुधवार सुबह 9 बजे तक 3 करोड़ लोगों ने पावन स्नान किया है। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार 28 जनवरी तक कुल 19.94 करोड़ लोग महाकुंभ के दौरान पावन स्नान कर चुके हैं।
Kumbh Mela 2025 : महाकुंभ में भगदड़ के कारण मरने वाले कौन थे, यह जानें आगे
संगम तट पर मंगलवार रात करीब एक बजे भगदड़ से मरने वालों की संख्या बढ़ना कोई आश्चर्य नहीं होगा। दरअसल हादसे के बाद की तस्वीरें विचलित करने वाली हैं। फिलहाल, पूरे प्रयागराज ही नहीं बल्कि प्रयागराज के बाहर भी प्रशासन अलर्ट पर है। मुख्यमंत्री योगी से लेकर प्रधानमंत्री मोदी तक हालात पर नजर बनाए हुए हैं। एक दिन में 8-10 करोड़ लोग स्नान के लिए आए हैं तो आगे ऐसी कोई अप्रिय वारदात न हो, इसलिए यह जानना जरूरी है कि भगदड़ में मरने वाले कौन थे और कैसे उनकी जान गई?
Maha Kumbh News : भीड़ के कारण जिसे जहां जगह मिली, आराम करने लगे; संगम तट पर भी
29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान, यानी अमृत स्थान तय था। एक दिन पहले ही प्रयागराज में अनुमान से ज्यादा भीड़ पहुंच गई। आंकड़ों की मानें तो मंगलवार (28 जनवरी) को ही करीब 5 करोड़ लोग प्रयागराज में स्नान कर चुके थे। मंगलवार रात से ही भीड़ इतनी थी कि लोगों को जहां जगह मिल रही थी, वहां आराम करने लगे। यही हाल संगम तट का भी था।
Maha Kumbh Mela : संगम नोज की तरफ जाने को बैरिकेड तोड़ घुसे, सोये लोगों को कुचल दिया
संगम नोज (जहां गंगा-यमुना-सरस्वती नदियां मिलने की जगह है) पर भीड़ अधिक होने से उस तरफ जाने वाले स्नानार्थियों को रोक दिया गया। पुलिसवालों ने शाही स्नान की तैयारी करने के लिए संगम पर लेटे लोगों को जल्दी-जल्दी उठाना शुरू किया। दूसरी तरफ पीछे रुकी भीड़ संगम नोज पर जाने के लिए बेसब्र हो गई और बैरिकेटिंग तोड़कर आगे बढ़ी और सो रहे लोगों पर चढ़ने लगी।
कुंभ मेला की ओएसडी अकांक्षा राणा ने बताया है संगम नोज पर भीड़ के कारण बैरियर टूटने के बाद भगदड़ की स्थिति पैदा हुई। वैसे, मंगलवार रात अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर वीडियो प्रसारित किया था, जिसमें बताया था कि बड़ी संख्या में स्नानार्थी संगम नोज पर सो रहे। काश! उसी समय प्रशासन इसपर ध्यान देता तो यह मौतें शायद नहीं होती।
Mahakumbh Stampede News : एम्बुलेंस वालों ने बताया- घटनास्थल पर ही कई ने दम तोड़ा
हादसे की खबर मिलते ही एक के बाद एक एम्बुलेंस संगम तट पर पहुंचने लगी। शुरुआत में भीड़ के कारण एम्बुलेंस को घटना स्थल तक पहुंचने और फिर घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने में वक्त लगा, लेकिन कुछ ही देर में कॉरिडोर बना लिया गया। तकरीबन 50 एम्बुलेंस से घायलों को अस्पताल ले जाया गया। एम्बुलेंस में बैठे स्टाफ बता रहे थे कि कुछ लोगों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया था।
Today News In Hindi : प्रयागराज में बाहर से प्रवेश नियंत्रित, अफवाहों से बचें
हालात देखते हुए रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को तैनात कर दिया गया है। इसके साथ ही मेला क्षेत्र में जहां भी थोड़ी भीड़ दिख रही है, वहां से लोगों को हटाया जा रहा है। पूरे प्रयागराज में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। प्रयागराज में भीड़ को देखते हुए शहर की सीमा के बाहर भी लोगों को रोके जाने की जानकारी है। यह स्थायी रोक नहीं है, इसलिए अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। महाकुंभ में और अधिक भीड़ न हो, इसलिए थोड़ा-थोड़ा कर लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है।
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