ED Raid : आलोक मेहता पर ED रेड की असली वजह जानिए, 400 फर्जी खातों से 85 करोड़ का लोन

रिपब्लिकन न्यूज, पटना

by Jyoti
0 comments

ED Raid से Bihar में हड़कंप मचा है। लालू यादव के करीबी पूर्व मंत्री और विधायक आलोक मेहता के ठिकानों पर ED की रेड की असली वजह जान लीजिए।

आलोक मेहता के घर पर प्रवर्तन निदेशालय ने क्यों की छापेमारी (फोटो : RepublicanNews.in)

Bihar News : आरजेडी विधायक आलोक मेहता के ठिकानों पर ED की रेड

आरजेडी के वरिष्ठ नेता और लालू के बेहद करीबी पूर्व मंत्री आलोक मेहता के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापा मारा है। केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय कि यह कार्रवाई वैशाली कोऑपरेटिव बैंक से करोड़ो के लेनदेन प्रकरण में की गई है। पटना जोनल ऑफिस की प्रवर्तन निदेशालय (ED) टीम ने 85 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड के मामले में बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लगभग 18 स्थानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई बैंक के तत्कालीन सीईओ, चेयरमैन, अन्य कर्मचारियों और कुछ लाभार्थियों के ठिकानों पर की गई है।

Alok Mehta : 400 फर्जी लोन खातों से करोड़ों का खेल

यह मामला वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक लिमिटेड में 85 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड केस से जुड़ा है। धोखाधड़ी के इस मामले में आरजेडी विधायक आलोक मेहता के यहां भी छापेमारी की गई है। आरोप है कि लगभग 400 फर्जी लोन खातों को खोलकर नकली और जाली वेयरहाउस और एलआईसी रिसीट्स के आधार पर फंड को फर्जी तरीके से बांटा गया। आलोक मेहता राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेताओं में एक हैं, उन्हें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का खास भी बताया जाता है। आलोक मेहता बिहार सरकार में मंत्री रहने के साथ ही समस्तीपुर से सांसद भी रह चुके हैं।

ED Raid Bihar : आलोक मेहता के साथ केस में इन लोगों के भी हैं नाम

शुक्रवार की सुबह प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की टीम ने उनके पटना स्थित सरकारी आवास 12 मेंगल्स रोड स्थित सरकारी आवास पर पहुंच जांच पड़ताल शुरू की। ED की यह कार्रवाई बिहार, पश्चिम बंगाल (कोलकाता), उत्तर प्रदेश और दिल्ली में करीब 18 ठिकानों पर की जा रही है। इनमें राजद विधायक और बिहार के पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता से जुड़े परिसर शामिल हैं, जो वैशाली शहरी विकास (वीएसवी) सहकारी बैंक के प्रमोटर हैं। वहीं इस मामले में बैंक के निलंबित मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के वसतौरा निवासी विपिन तिवारी, निलंबित अध्यक्ष वैशाली जिले के औद्योगिक थाना क्षेत्र के चक धनौती निवासी संजीव कुमार का नाम शामिल है।

इसके अलावा निलंबित प्रबंधक पटना जिले के बाग कालू खान सदर गली निवासी सैयद शहनाज वजी, औद्योगिक क्षेत्र हाजीपुर के लिच्छवी फूड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शीत भंडारण के प्रबंधक वीरेंद्र कुमार, महुआ मुकुंदपुर स्थित महुआ कोऑपरेटिव कोल्ड स्टोरेज लिमिटेड के प्रबंधक राजीव नयन सिंह समेत 11 लोगों को आरोपित किया गया है। आलोक मेहता पर आरोप है कि उन्होंने न केवल बैंक अधिकारियों की मदद की। बल्कि सार्वजनिक धन की हेराफेरी और मनी लॉन्ड्रिंग में भी भूमिका निभाई। सभी संबंधित व्यक्तियों और उनके व्यावसायिक साझेदारों पर शिकंजा कसा जा रहा है।

You may also like

Leave a Comment

Editors' Picks

Latest Posts

© All Rights Reserved.

Follow us on