Earthquake Today : नेपाल से लगे तिब्बत में सुबह-सुबह आए भूकंप ने लोगों को डरा दिया है। भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई और इसका केंद्र तिब्बत के शिजांग शहर में था। असर नेपाल से सटे बिहार के सभी जिलों से लेकर राजधानी पटना में भी कम नहीं था। इस भूकंप में अबतक 50 से ज्यादा की मौत की सूचना है।
Earthquake Today : बिहार-यूपी से लेकर पश्चिम बंगाल तक लगा नेपाल से निकला झटका
तिब्बत-नेपाल में मंगलवार सुबह-सुबह आए भूकंप ने दोनों से सटे भारतीय राज्यों में लोगों को हिला दिया। सुबह 6:35 मिनट पर आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.1 मापी गई। इसका केंद्र तिब्बत के शिजांग में था। यहां प्राथमिक सूचना में 50 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है। भूकंप का झटका बिहार, असम, सिक्किम, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कई जिलों में महसूस किया गया। झटके के डर से लोग इस भीषण ठंड में भी दौड़ते हुए घरों से बाहर भागे। भूकंप के आफ्टरशॉक्स का भी खतरा है, जिसे देखते हुए लोग काफी देर तक बाहर ही रहे। यह खतरनाक श्रेणी का भूकंप है, जिसका असर तिब्बत में सबसे ज्यादा दिखा। भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किमी अंदर 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री देशांतर में था।
Earthquake Patna : बिहार की राजधानी पटना तक असर, जानिए शेष जिलों का हाल
बिहार के पश्चिम व पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज सीधे-सीधे पश्चिम बंगाल से लगते हैं। इन जिलों में नेपाल के बाद ज्यादा असर महसूस हुआ। असर शिवहर, दरभंगा, सहरसा, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सारण, समस्तीपुर आदि में भी महसूस किया गया। उधर एक तरफ उत्तर प्रदेश के महाराजगंज, देवरिया आदि में भी लोगों ने भूकंप महसूस करने की बात कही, तो पश्चिम बंगाल की तरफ सिलीगुड़ी तक इसके प्रभाव में रहा। मंगलवार सुबह आए भूकंप को बांग्लादेश, भूटान और चीन में भी महसूस किया गया।
Earthquake News : आज भारत में महसूस हुए भूंकप के छह झटके
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप मंगलवार सुबह कई बार आया। तारीख बदलने के बाद रात करीब 2:32 बजे मणिपुर में 3.6 तीव्रता का भूकंप आया। नेपाल-तिब्बत सीमा पर तिब्बत के शहर शिजांग में जहां सुबह 7:35:18 पर 7.1 तीव्रता का भूकंप आया, वहां उससे पहले 4.2 तीव्रता का भूकंप सुबह 5:41 पर भी आया था। सुबह 7.1 तीव्रता वाले भूकंप के बाद तीन झटके, यानी आफ्टरशॉक्स और आए। तीनों का केंद्र शिजांग ही था। सुबह 7:02 पर 4.7, सुबह 7.07 बजे 4.9 और फिर 7.13 पर 5.0 तीव्रता का भूकंप आया था। धरती पर सबसे बड़ा झटका 6.8 तीव्रता के साथ शिजांग में ही लगा, जहां 32 की मौत और चार दर्जन लोगों के घायल होने की खबर है।
कुल छह बार आए इन झटकों का असर भारत में कहीं न कहीं जरूरत महसूस किया गया। सबसे ज्यादा बिहार प्रभावित हुआ, जहां लोग भूकंप के डर से घरों से बाहर निकल भागे। काफी देर तक पंखे हिलते रहे। बाहर निकले तो बिजली के हेवी लाइन वाले तार भी डोलते नजर आए। नेपाल से सटे जिलों में बहुत ज्यादा लोग डरे दिखे। नेपाल को इस भूकंप के झटके ने पिछली तबाही की याद दिला दी।
04 नवंबर 2023 को भूकंप ने नेपाल में भीषण तबाही मचाई थी। उस भूकंप में आधिकारिक तौर पर डेढ़ सौ से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि इसकी तीव्रता 6.4 ही मापी गई थी। उस भूकंप के कारण नेपाल की सड़कें जहां-तहां से दरक गई थीं। बड़े-बड़े मकान भी ज़मीदोज़ हो गए थे। नेपाल की भूकंप त्रासदी के बाद भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने पड़ोसी देश के लिए मदद के सारे दरवाजे खोल दिए थे। इस बार 7.1 तीव्रता का भूकंप आया है और नेपाल के हर हिस्से में इसका असर महसूस किया गया है।
Earthquake Nepal : इस बार नहीं आयी भूकंप से तबाही
नेपाली मीडिया काठमांडू पोस्ट के अनुसार, मंगलवार सुबह काठमांडू घाटी सहित नेपाल के विभिन्न हिस्सों में आए शक्तिशाली भूकंप को महसूस कर लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। काठमांडू में राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र ने बताया कि स्थानीय समयानुसार सुबह 6:50 बजे रिक्टर पैमाने पर 7 तीव्रता का झटका महसूस किया गया। चीनी भूकंप नेटवर्क केंद्र के अनुसार भूंकप का केंद्र जमीन में 10 किलोमीटर की गहराई पर था। नेपाल में अभी तक किसी नुकसान या हताहत की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।
नेपाल के काठमांडू निवासी पवन कुमार सिन्हा ने बताया कि वह सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकलने से पहले किचन में थे, तभी जोर से धरती हिली। करीब 30 सेकंड तक भूकंप का एहसास हुआ। पति-पत्नी बाहर निकले, तबतक काफी संख्या में लोग घरों से बाहर आ गए थे। बाद में पता चला कि भूकंप का केंद्र नेपाल में नहीं था, जिसके कारण राहत महसूस हुआ। रिहायशी इलाके में भूकंप का केंद्र होता तो भारी तबाही मच जाती, हालांकि आफ्टरशॉक्स के डर से काफी देर तक लोग बाहर निकले रहे।
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