Bihar News : एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो… यह कहावत वंशीधर ब्रजवासी ने साबित कर दिखाई है। उन्होंने एक ऐसी जीत दर्ज की है कि सीएम नीतीश कुमार, IAS केके पाठक के साथ प्रशांत किशोर और तेजस्वी यादव हार गए हैं।
Tirhut MLC Election Result : शिक्षक वंशीधर ब्रजवासी तिरहुत स्नातक विधान पार्षद, 10 हजार से ज्यादा वोटों से जीते MLC चुनाव
बिहार विधान परिषद सदस्य (MLC full Form) के रूप में एक ऐसी शख्सियत अब सदन में होंगे, जिन्हें शिक्षक (Bihar Teacher) के रूप में काम करते हुए 19 साल हो गए थे। लगभग तभी प्रखंड शिक्षक के रूप में सेवा शुरू की, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बने। वक्त ऐसा भी आया कि गालीबाजी के लिए चर्चित रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी (IAS Officer) और बिहार की नीतीश कुमार सरकार के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव (शिक्षा विभाग) केके पाठक (KK Pathak) ने शिक्षकों की बात उठाने पर नेतागिरी का आरोप लगाते हुए बर्खास्त कर दिया। चार महीने बाद वही वंशीधर ब्रजवासी (Banshidhar Brijwasi) मााननीय बनकर बिहार विधानमंडल के उसी हिस्से में बैठेंगे, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैठते हैं। वंशीधर ने तिरहुत स्नातक विधान पार्षद के उप चुनाव (Bihar MLC Result) में प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की पार्टी के प्रत्याशी को 10 हजार से ज्यादा मतों से हराया। उनके सामने तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) की पार्टी के प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे। सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड (JDU Party) के पास रही इस सीट पर इस बार उसके प्रत्याशी चौथे नंबर पर रहे।
Banshidhar Brijwasi जीते, विनायक गौतम दूसरे, गोपी किशन तीसरे, अभिषेक झा चौथे
तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र उपचुनाव की मतगणना में 10 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से निर्दलीय प्रत्याशी और शिक्षकों के नेता वंशीधर ब्रजवासी की जीत हुई है। उन्होंने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी डॉ. विनायक गौतम को हराया। लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी गोपी किशन तीसरे और नीतीश कुमार की पार्टी जनता जदयू के उम्मीदवार अभिषेक झा चौथे स्थान पर रहे।
MLC Election : नीतीश सरकार के धुर विरोधी, लालू सरकार को नहीं मानते जंगलराज
वर्ष 2005 में मुजफ्फरपुर जिले के मड़वन प्रखंड क्षेत्र के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय रक्सा पूर्वी के प्रखंड शिक्षक बने वंशीधर ब्रजवासी बीएड और एमए हैं। ब्रजवासी के पिता स्व. नंदकिशोर सहनी भी शिक्षक थे। वंशीधर ब्रजवासी शिक्षकों के मुद्दों पर लगातार संघर्षशील रहे हैं। वह नीतीश कुमार सरकार की नियोजित शिक्षक व्यवस्था के खिलाफ रहे और लालू यादव सरकार के जंगलराज नहीं मानते हैं। वंशीधर के अनुसार नीतीश कुमार ने शिक्षक नियोजन की गलत नीति लायी थी। अब बीपीएसएस से शिक्षक बनाने के बावजूद सरकार नियोजित शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक बनाकर दोयम दर्जे में रख रही है। वंशीधर ने शिक्षकों के लिए आवाज उठाने पर सरकारी रोक का प्रतिरोध किया था तो IAS केके पाठक ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। जीत के बाद उन्होंने कहा कि सरकार बर्खास्त नहीं करती तो शिक्षकों की आवाज आज इस तरह बुलंद नहीं होती। इसी साल जुलाई में सरकार ने उन्हें हटाया था।