Bihar Teacher News में शिक्षा विभाग के ACS की एक चिट्ठी चर्चा में है। इंटरनल जांच में शिक्षकों का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है।
Bihar News : अपर मुख्य सचिव ने शिक्षकों की कार्यशैली पर दिखाई नाराजगी
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ बेहद गुस्से में हैं। शिक्षकों के फर्जीवाड़े पर ACS ने सख्त रुख अपना लिया है। विभाग की इंटरनल जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है की शिक्षकों की उपस्थिति और विद्यार्थियों की स्कूलों में संख्या पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। इस फर्जीवाड़े के खुलासे पर एस. सिद्धार्थ बेहद नाराज हैं। उन्होंने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को सख्त लहजे में चिट्ठी भेजी है। चिट्ठी में साफ तौर पर यह कहा गया है की अगर दोषी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो अब जिला शिक्षा पदाधिकारी पर गाज गिरेगी।
School News : जांच रिपोर्ट में शिक्षकों के फर्जीवाड़े का खुलासा
अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में बताया गया है कि स्कूलों के निरीक्षण के लिए कुछ व्यक्तियों को गांव के विद्यालयों के निरीक्षण में भेजा गया था। इन व्यक्तियों ने विभिन्न गांव में एक महीने तक विद्यालयों के संचालन के संबंध में अपर मुख्य सचिव को जमीनी हकीकत से अवगत कराया है। इस रिपोर्ट में सामने आया है कि बड़ी संख्या में लापरवाह शिक्षक फर्जी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। ACS की चिट्ठी के अनुसार कुछ विद्यालयों में प्रधानाध्यापक और शिक्षकों द्वारा फर्जी उपस्थिति लगाई जा रही है। इसके साथ ही यह भी दिखाया जा रहा है कि 50 फीसदी से अधिक छात्र उनके विद्यालय में उपस्थित हैं। जबकि वास्तविकता में उपस्थित छात्रों की संख्या 50 फीसदी से भी कम है।
Education Department : हाजिरी बनाकर निकल जाते हैं शिक्षक
ACS ने अपने पत्र में सख्त लहजों में लिखा है कि कुछ शिक्षकों की रुचि कक्षा के सुचारू संचालन में नहीं है। उनका मूल उद्देश्य बच्चों को पढ़ाना नहीं, बल्कि सिर्फ अपना अटेंडेंस बनाना है। कुछ शिक्षक सुबह 9 बजे से 4 बजे तक अनुपस्थित रहते हैं। ऐसे शिक्षक विद्यालय आते हैं और कुछ कक्षाएं लगाने के बाद अपने निजी कामों से चले जाते हैं। ऐसे शिक्षक जो अपने घरों के पास पदस्थापित हैं, वह शिक्षण कार्य में कम समय देते हैं। सिर्फ उपस्थिति दर्ज करने के लिए ही विद्यालय आते हैं।
Teachers News : अब DEO के खिलाफ लेंगे एक्शन
अपर मुख्य सचिव ने साफ-साफ कहा है कि ऐसे शिक्षक विद्यालय के सुचारू संचालन व्यवस्था के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। यह विभागीय निरीक्षण से संबंधित स्पष्ट आदेश के बावजूद बड़ी त्रुटि है। ACS ने कहा है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ऐसे शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। चेतावनी के बाद भी सुधार नहीं हो रहा है। शिक्षकों की इस लापरवाही में निरीक्षण पदाधिकारी की मिलीभगत है। निरीक्षण में अगर लापरवाही की जाती है तो उनके विरुद्ध निलंबन, विभागीय कार्रवाई या बर्खास्त की का एक्शन लिया जाएगा। सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी आगाह किया गया है कि अगर स्थिति नहीं सुधरी तो इसके लिए आपको जवाबदेह मानते हुए आपके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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अधिकारियों के निरीक्षण के भरोसे स्कूल जब तक रहेंगे चीजें सही नहीं हो पाएंगी। विद्यालय के संचालन और प्रबंधन के लिए जब तक राज्य से लेकर विद्यालय तक एक एक संबंधित व्यक्ति की जिम्मेवारी तय करते हुए एक प्रभावी नियमावली नहीं बनाई जाएगी और विद्यालयी व्यवस्कीथाआ की निगरानी के लिए प्रधानाध्यापकों को सशक्त नहीं बनाया जाता है तब तक विभाग को आदर्श स्थिति में मनोनुकूल विद्यालय नहीं मिलने वाले हैं ।
सही काम सही जगह से हो तभी असर करता है ।